Madhu Arora

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रहस्यमई संसार

यह  संसार रहस्यमई सारा।
  खोज खोज कर मैं तो हारी।
  ऊपर आसमां को तकती ,
   प्रभु की लीला देख हैरान  लगती।
  आसमां में देखो खड़ा नहीं कोई खंभा,
   कैसे टिका यह संसार सारा।
    रहस्य कोई मुझे बताओ यारा।
    ऊपर को जाते हैं पंछी,
      होता बड़ा अचंभा ।
   नीचे को बहता है पानी,
    क्या है कोई करिश्मा।
    यह दुनिया रहस्यमई सारी ,
    जीव जंतु है प्यारे प्यारे। 
    व्यवस्था उसकी न्यारी ,
    चींटी से हाथी तक के।
    भोजन की कारीगरी।
    यह दुनिया रहस्यमई सारी ,
    ईश्वर ने बनाया मानव को ।
    दिमाग रहस्य से भरा, 
    हर जगह छिपा सृष्टि में ।
    रहस्य क्या है भेद ये बोलो।
     सारे जग का कर्ताधर्ता,
    रहस्य उसका खोलो।
    घट घट का मालिक वह तो,
     हर दिल पर राज करे ।
    उसके बिना चले ने दुनिया,
    सबका वह तो ध्यान धरे।।
            मधु अरोरा
           18.9.2022

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6 Comments

Suryansh

29-Sep-2022 06:35 AM

उम्दा लिखा है

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बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

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Swati chourasia

20-Sep-2022 01:18 PM

Very nice

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